सृष्टि (Home Page)

विज्ञानचित्रावली में अनेक सुन्दर चित्रों के माध्यम से  वैदिक विज्ञान के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया है। चित्र देखने में  छोटा लगता है परन्तु वह अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों को एक साथ बताता है। इस चित्र में सृष्टि प्रतिपादक जितने पारिभाषिक शब्द आये हैं उनके स्वरूप को यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है।

इस चित्र के दायें भाग में पाँच तत्त्वों का वर्णन है। ये हैं- ब्रह्मा, विष्णु, इन्द्र, अग्नि और सोम। ये पाँचों  तत्त्व अक्षर नाम से जाने जाते हैं। पं. ओझा ने इसे अक्षर कहा है। जिसका कभी नाश नहीं होता है वह अक्षर कहलाता है और जिसका नाश होता है वह क्षर है। इस चित्र के मध्यभाग में क्षर का स्वरूप है। ये क्रमशः क्षर नाम से हैं- प्राण, आप् (जल), वाक्,  अन्नाद (अन्न को खानेवाला) और अन्न । इसी को विकार-क्षर कहा जाता है।