नए साल में श्री शंकर शिक्षायतन पंडित मधुसूदन ओझा की कादम्बिनी पर वार्षिक चर्चा श्रृंखला आयोजित कर रहा है। पहली संगोष्ठी जनवरी 2025 के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी। कादम्बिनी पंडित मधुसूदन ओझा की महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक है । इस खंड में प्राचीन भारतीय मौसम विज्ञान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है, जिसकी परिकल्पना हमारे पूर्व के द्रष्टा-वैज्ञानिकों ने चार प्रकार के कारणों के गहन अध्ययन के आधार पर वर्षा के मौसम में सामान्य, असामान्य और अत्यधिक वर्षा के साथ-साथ सूखे के पूर्वानुमान के लिए की थी । इस ग्रंथ में विभिन्न प्रकार के धूमकेतुओं के अच्छे और बुरे प्रभाव की भी चर्चा की गई है । यह ग्रंथ खगोल विज्ञान, ज्योतिष और अन्य संबंधित प्राचीन विज्ञानों में पंडित ओझा के गहन ज्ञान के निर्णायक प्रमाण के रूप में कार्य करता है ।
Pandit Motilal Shastri Memorial Lecture on Kadambini
कादम्बिनी भाग I पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 31 जनवरी 2025
अध्यक्ष: प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व कुलपति, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार
वक्ता: प्रोफेसर श्यामदेव मिश्र, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, कानपुर
डॉ. सुभाष पांडे, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
डॉ.रामेश्वर दयाल शर्मा, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर
परिचयात्मक टिप्पणी — प्रोफेसर संतोष कुमार शुक्ला,जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय.