The title of the book explains its contents. The `dharma` in the title refers to virtuous behaviour and `pariksha` means thoughts. This book, in essence, is a text of thoughts on virtuous behavior. This is a Hindi translation. In this compact volume, five subjects of dharma have been explained. What is the origin of dharma? What are the benefits of following dharma?
धर्मपरिक्षा पंजिका
धर्मपरीक्षा में जो धर्म है उसका अर्थ संस्कार है एवं परीक्षा का अर्थ विचार है। इस प्रकार धर्मपरीक्षा का अर्थ है- संस्कारों का विचार। कापी को पञ्जिका कहते हैं। सामान्यतया जिसमें हमलोग लिखते हैं उसे संस्कृत में पञ्जिका कहते हैं। इस लघुकाय ग्रन्थ में धर्म के पाँच विषयों को स्पष्ट किया गया है। पहला विषय धर्म का मूल क्या है, इस पर विचार है। पुनः धर्म के फल का प्रतिपादन है। इसी क्रम में फल के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए पण्डित ओझा जी ने कहा है कि- अध्याहार, परिहार और अभ्युन्नति, ये तीन प्रकार के फल हैं। विभक्तिरहस्य और नियामक रहस्य में धर्मों की सूक्ष्माता से विचार है। इस प्रकार यह ग्रन्थ धर्म विषयक विवेचना के लिए अत्यन्त ही उपयोगी है।