The first part of the commentary begins with an interesting and illustrative definition of terms, Bhagavad, Gita and Upanishad. The importance of Bhagavad Gita’s teachings have been explained. It has also been explained why Gita is called Upanishad. Gita is vijnana shastra. The author has explained the meaning of ishwar and jeeva. What is atma? Why does the atma, infused with happiness, get sad? How does jeeva become Brahma? These questions are answered in a scientific manner in this part of the commentary.
गीता-विज्ञानभाष्य –प्रथम-कांड
टीका का पहला भाग शब्दों, भगवद, गीता और उपनिषद की एक दिलचस्प और व्याख्यात्मक परिभाषा के साथ शुरू होता है। भगवद्गीता की शिक्षाओं का महत्व समझाया गया है। गीता को उपनिषद क्यों कहा जाता है, यह भी समझाया गया है। गीता विज्ञान शास्त्र है। लेखक ने ईश्वर और जीव का अर्थ समझाया है। आत्मा क्या है? सुख से ओतप्रोत आत्मा दुःखी क्यों हो जाती है? जीव ब्रह्मा कैसे बनता है? इन सवालों का जवाब टिप्पणी के इस हिस्से में वैज्ञानिक तरीके से दिया गया है।
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