Pandit Madhusudan Ojha wrote Jagadguruvaibhavam to expand the meaning and scope of his earlier work, Indravijayah. In this volume, he expands on the theme of Brahma, underlining the significant importance of Brahma in Creation. He has described different forms of Brahma.
जगद्गुरुवैभवम्
यह ब्रह्मविज्ञान के अन्तर्गत दिव्यविभूति नामकग्रन्थविभाग का पहला ग्रन्थ है । इस ग्रन्थ में ब्रह्मा विषयक विविध प्रश्नों का सयुक्तिक समाधान किया गया है, यथा-ब्रह्मा कोई ऐतिहासिक व्यक्ति थे? अथवा इनका कोई वैज्ञानिक स्वरूप भी है? ऐतिहासिक ब्रह्मा कौन थे, वे कब और कहाँ हुए? वैज्ञानिक ब्रह्मा का क्या स्वरूप है? दोनों ब्रह्माओं का विश्वकर्तृत्व और विश्वगोप्तृत्व किस प्रकार है? वैज्ञानिक व ऐतिहासिक अथवा कौन हैं? उनका स्वरूप क्या है? आदि विषयों का निरूपण प्रस्तुत ग्रन्थ में किया गया है ।