श्री शंकर शिक्षायतन एवं प्रो. राजेन्द्र सिंह भैय्या विश्वविद्यालय, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में पं. मधुसूदन ओझा द्वारा प्रतिपादित वैदिक विज्ञान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 19 अक्टूबर 2024 को किया गया। यह संगोष्ठी ऑनलाइन माध्यम से सम्पन्न हुई।
इस संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. संतोष कुमार शुक्ल, संस्कृत एवं भारतीय अध्ययन विद्यापीठ, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अखिलेश कुमार, कुलाधिपति, प्रो. राजेन्द्र सिंह भैय्या विश्वविद्यालय थे।
पं. मधुसूदन ओझा का वैदिक विज्ञान एक नवीन चिंतनधारा की स्थापना करता है। एक तत्त्व से अनेकात्मक सृष्टि को जानना विज्ञान (विज्ञान) है, और अनेकात्मक सृष्टि से एक तत्त्व को जानना ज्ञान है। इस ज्ञान-विज्ञान के सिद्धांत को प्रमाणित करने हेतु वैदिक विज्ञान में विभिन्न सिद्धांतों का संकलन किया गया है। ये सभी सिद्धांत शास्त्राधिष्ठित हैं।
संगोष्ठी के दौरान, विद्वानों एवं शोधकर्ताओं ने ब्रह्मविज्ञान से संबंधित सिद्धांतों पर समग्र दृष्टिकोण से अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।
इस संगोष्ठी का आयोजन श्री शंकर शिक्षायतन के डॉ. लक्ष्मीकांत विमल एवं प्रो. राजेन्द्र सिंह भैय्या विश्वविद्यालय के डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी द्वारा किया गया।
वक्ताओं में शामिल थे:
डॉ. ईश नारायण द्विवेदी, डॉ. मनीष झा, डॉ. प्रिया झा, श्री नितिन त्रिपाठी, श्री अनंत मिश्रा, सुश्री सुखी श्रीवास्तव, सुश्री महिमा त्रिपाठी, डॉ. प्रचेतस, डॉ. राज किशोर आर्य, डॉ. चंदा झा, डॉ. अरुणोया मिश्रा, डॉ. प्रेमवल्लभ देवली, सुश्री विद्या तिवारी, श्री अनुराज आज़ाद, श्री प्रेम नारायण पांडेय, श्री छोटे लाल यादव, श्री कमलेन्द्र, प्रो. विनोद कुमार गुप्ता, तथा डॉ. ठाकुर शिवशंकर शांडिल्य।