This is the third volume in the Bhagvad Gita Vijnanabhashya compendium. The volume has five chapters–Krishna ki trividhita (three identities of Krishna), Manusha Krishna (Krishna in human form), Divya Krishna ( Krishna as Bhagwan), Gita Krishna (Krishna in Gita) and Teenon Krishna ki Ekatmata (unity of three forms of Krishna). These chapters contain the entire Brahmajnana.
गीता-विज्ञानभाष्य -आचार्य-काण्ड
यह भगवद्गीता विज्ञानभाष्य संकलन का तीसरा खंड है। इस खंड में पांच अध्याय हैं- कृष्ण की त्रिविधा (कृष्ण की तीन पहचान), मानुषा कृष्ण (मानव रूप में कृष्ण), दिव्य कृष्ण (कृष्ण भगवान के रूप में), गीता कृष्ण (गीता में कृष्ण) और तीन कृष्ण की एकात्मता (कृष्ण के तीन रूपों की एकता)। इन अध्यायों में संपूर्ण ब्रह्मज्ञान समाविष्ट है।
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